शीत युद्ध के दौर में दुनिया दो महा गुटों में बंटी हुई थी एक गुट पूंजीवाद समर्थक देश अमेरिका के नेतृत्व में कार्य कर रहा था जबकि दूसरा गुट साम्यवाद को बढ़ावा देने वाला सोवियत संघ था जबकि दूसरा गुट साम्यवाद को बढ़ावा देने वाला सोवियत संघ था। इस व्यवस्था को ही दो ध्रुवीय व्यवस्था कहा जाता है।